Sunday, October 11, 2015

चिराग

महताब को महताब कहा जाता है,
आफताब को आफताब कहा जाता है
ता उम्र लिखा है जलते रहना 'राहुल'
जलते को ही चिराग कहा जाता है   

Sunday, August 29, 2010

यादों के चिराग


हम चिरागों को जलाएं उम्र भर,
साथ दे गर ये हवाएं उम्र भर।

एक लम्हे की खता का यह सिला,
पाई है हमने, ये सजायें उम्र भर।

कुछ भी तो न हासिल हमको हो सका,
उसके दर पर दी सदायें उम्र भर।

याद आयेंगी बहुत, सच मानिये हमको, हमारी खताएं उम्र भर।

पल दो पल का साथ देते है सभी,
कौन करता है वफायें उम्र भर।

भूल जाऊंगा, मगर एक शर्त है,
आप भी न याद आयें उम्र भर।

खुदा का डर


डरते नहीं खुदा से हम, क्योंकि इन्सान को खुदा बनते देखा है।
डरते हैं सिर्फ इन्सान से, जब से इंसान को हैवान बनते देखा है।

क्यों बनाये हम उस शहर में अपना आशियाँ
जिस शहर को हमने शमशान बनते देखा है।

जब कभी तन्हाईयाँ से परेशां हो कर, जाते है हाला के पास,
उसे भी हर होठों का जम बनते देखा है।

ऐतबार करे कोई क्या 'राहुल' उस पर,
हर किसी शख्स को बईमान बनते देखा है।

Wednesday, March 17, 2010

बदलाव

सरकार बदलती है, फरमान बदल जाते हैं
दिल बदलते हैं, लोगों के अरमान बदल जाते हैं
किस- किस पर करें यकीं  ' राहुल '
पल भर मैं यंहां, इन्सान बदल जाते हैं